वोल्टेज (विभव), पोटेंशियल डिफरेंस (विभवांतर) को समझने से पहले हमे जानना जरूरी है की वोल्टेज शब्द कैसे आया इसके पीछे का क्या इतिहास है।
वोल्ट का इतिहास
Luigi Galvani (1737-1798) इटली के भौतिक शास्त्री थे जिन्होंने यह बताया की जीवों के तंत्रिका तंत्र(नशों) में इलेक्ट्रिकल तरल(Electrical fluid) का प्रवाह होता है। जब Galvani ने मरे हुए मेढक की टांग को दो विपरीत धातु के साथ सीरीज में जोड़ा तो देखा मेढक की टांग ने एक बल का आभास किया इस बल को Electromotive Force (Emf) और Enimal elctricty के नाम से जोड़ा जाने लगा बाद में इसको Bioelectricity कहा जाने लगा।
Alesandro Volta (1745-1827) पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने Galvani के प्रोयोग को दोहराया और दो विपरीत धातुओं के बीच एक साल्ट ब्रिज या साल्ट वाटर का उपयोग कर 1799 में पहली इलेक्ट्रिकल बैटरी बनाई जिसे Voltaic pile के नाम से जानते हैं, इलेक्ट्रिसिटी को प्रक्टिकल रूप में पैदा करने का यह पहला सोर्स था। बाद में इन्ही के नाम पर Emf (E) को Voltage कहा गया जिसकी SI यूनिट को वोल्ट कहा जाता है।
वोल्टेज की परिभाषा
विभव(Voltage), विभवांतर(Potential difference), Emf, Electrical pressure, Electrical force या Tension ये सभी नाम विद्युत विभव के ही हैं।
विभव(Voltage): विभव एक दबाव है जो आवेशों को किसी चालक में एक दिशा में प्रवाहित करने के लिए पुश करता है। जिसके बाद ही धारा(Current) का प्रवाह होता है।
Voltage as force: किसी भी चालक के भीतर मौजूद इलेक्ट्रोनो(ऋणावेश) की गति चालक के अंदर किसी भी दिशा में हो सकती है। विभव एक बल है जो इलेक्ट्रानो की गति को एक ही दिशा में या धनावेश की तरफ करता है।
Potential difference: किसी परिपथ के High potential और Low potential बिन्दुओ के बीच के अंतर को विभवांतर (Potential difference) कहते हैं।
Potential difference= Energy/Charge
V=W/Q
W= आवेश Q को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किया गया कार्य
Voltage के बिना परिपथ
बिना विभव के परिपथ में विद्युत धारा संभव नही है। आवेश वाहकों को स्थैतिक अवश्था से गतिज अवश्था में जाने के लिए एक दबाव की आवश्यकता होती है। जैसे किसी नदी को बहने के लिए झुकाव/ढलान आवश्यक है।
Voltage के साथ परिपथ
एक DC बैटरी को परिपथ मैं जोड़ने पर वोल्टेज स्थापित हो जाता है और परिपथ मैं लगे चालक मैं इलेक्ट्रान प्रवाहित होने लगती हैं जिसके कारण धारा का प्रवाह शुरू होने लगता है और बल्ब ON हो जाता है
वोल्टेज एक प्रकार का बल भी है जो धनावेश को निम्न विभव की ओर और ऋणावेश को उच्च विभव की ओर खिंचता है जिससे परिपथ में विद्युत धारा उच्च विभव से निम्न विभव की तरफ प्रवाहित होती है।
विभव- V
S. I मात्रक- वोल्ट (Volt) या जूल/कूलाम
राशि- अदिश
विमायें- [ M L2 T−3 A−1]
मापन- वोल्टमीटर
V= W/Q (Joule/Coulombs)
इस सूत्र में
W= कार्य
Q= आवेश
V= I*R (Volt)
इस सूत्र में
I= विद्युत धारा
R= प्रतिरोध
Voltage के प्रकार
वोल्टेज और करंट दोनों नेचर में AC या DC हो सकती हैं।
DC Voltage
- DC voltage को सबसे पहले Alesandro volta ने एक बैटरी से उत्पन्न किया था। जो कि आज के समय में बहुत से इलेक्ट्रिकल उपकरणों या घरों में उपयोग होती है।
- DC वोल्टेज अपनी पोलेरिटी को समय के साथ बदलता नही है।
- पॉजिटिव और नेगेटिव पोलेरिटी पर डिजिटल वोल्टमीटर/DMM से विभव मापा जाता है।
AC Voltage
- AC Voltage को generators और Alternators के जरिये पैदा किया जाता है। जिसके लिए बड़े-बड़े हाइड्रो पावर प्लांट, थर्मल पावर प्लांट, विंड पावर प्लांट या दूसरे पावर प्लांट बनाये जाते हैं।
- AC वोल्टेज समय के साथ अपनी पोलेरिटी को धनात्मक या ऋणात्मक कर लेती है।
- AC Voltage में पावर फैक्टर(pf) हमेशा फेज एंगल पर निर्भर करता है।
वोल्टेज को मापने के लिए बाजार में एनालॉग वोल्टमीटर और डिजिटल मल्टीमीटर मौजूद हैं। किसी बड़े परिपथ में Electrical Fault या फिर घरों में Electrical Fault को एनालाइज करने के लिए वोल्टेज को मापना आवश्यक है।
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