विद्युत मोटर(Electric Motor) हमारे दैनिक जीवन, यातायात साधनों, उद्योगों, कंस्ट्रक्शन साइटों, बच्चों के खिलौने से लेकर घड़ियों आदि बहुत से जगहों में उपयोग होने वाली एक विद्युत मशीन ह जिसके अनुपयोगों का दायरा बहुत ज्यादा है। तो आज हम Electric Motor, Electric motors types के बारे में जान लेंगे।
Electric Motor in Hindi -विद्युत मोटर
विद्युत मोटर (Electric Motor) विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है। अर्थात वह विद्युत ऊर्जा के द्वारा घूमता है और इस घूर्णन से ही यांत्रिक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
एम्पियर लॉ और फैराडे के प्रयोग से सिद्ध था कि जब किसी कंंडक्टर में धारा प्रवाहित होती है तब उसके पास कंपास सुई ले जाने से सुई में हलचल होने लगती है। और इसके विपरीत किसी चुम्बक को मूव करने से इलेक्ट्रिसिटी को उत्पन्न किया जा सकता है। क्योकि
Electricity और Magnetism एक दूसरे से सम्बंधित होते हैं। अतः हमको इस संबंध का अनुप्रयोग डायनमो, अल्टरनेटर और मोटर में मिलता है।
Principle of Electric Motor in Hindi- विद्युत मोटर का सिद्धांत
विद्युत मोटर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।- DC motor, Induction Motor, & Synchronous/Asynchronous Motor लेकिन यहां पर हम DC motor के सिद्धांत की बात कर रहे हैं।
अतः जब किसी Current carrying loop (चालक, जिसमे धारा प्रवाहित हो सके) को किसी परमानेंट चुम्बकीय क्षेत्र (फिक्स्ड चुम्बक) में रखा जाता है तो Loop एक बल का अनुभव करता है और इस बल की दिशा धारा और चुम्बकीय क्षेत्र के लंबवत (Perpendicular) होती है। फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियनमनुसार बल, चुम्बकीय क्षेत्र और धारा की दिशा ज्ञात की जा सकती है।
Parts of Electric Motor in Hindi - विद्युत मोटर के मुख्य भाग
नीचे दिए गए इमेज रिफरेन्स में मुख्य भागों को समझने से विद्युत मोटर (Electric Motor) की क्रिया विधि अच्छे से समझी जा सकती है।
1- परमानेंट मैगनेट(स्थिर चुम्बक):
चुम्बकीय बल रेखाओं की दिशा हमेशा नार्थ पोल से साउथ पोल की तरफ होती है। एक स्थिर चम्बकीय क्षेत्र के लिए इनका प्रयोग किया जाता है। किसी भी मैगनेट में नार्थ और साउथ दो पोल होते हैं।
2- बैटरी सोर्स:
Current carrying conductor या आर्मेचर में धारा को प्रवाहित करने के लिए बैटरी की आवश्यकता होती है।
3- कम्यूटेटर (Commutator):
कम्यूटेटर के मुख्यतः दो काम है पहला काम सर्किट में आर्मेचर रोटर के प्रत्येक आधी साईकल में बैटरी की पोलेरिटी को बदलना जिससे कि लगने वाला बल रोटर को एक ही दिशा में घुमाये।
दूसरा काम आर्मेचर रोटर को बैटरी अरेंजमेंट से जोड़ना अर्थात घूमने वाले भाग(आर्मेचर रोटर) को स्थिर भाग (बैटरी सर्किट) से जोड़ना।
4- कार्बन ब्रश:
ये कार्बन के बने हुए फिक्स्ड ब्रश होते हैं जो कि आर्मेचर रोटर के कम्यूटेटर भाग के कॉन्टैक्ट में रहते हैं। बैटरी सर्किट की सप्लाई को आर्मेचर(Current carrying loop) को पास करने का काम इन्ही ब्रशों का होता है।
विद्युत मोटर(Electric Motor) के प्रकार
विद्युत मोटर के बिना आज के आधुनिक जीवन की कल्पना करना संभव नही है। इसिलए विद्युत मोटर का वर्गीकरण उपयोग के आधार काफी बड़ा है। मुख्य विद्युत मोटर की बात की जाए तो 3 प्रकार की होती हैं।
1- DC मोटर
2- इंडक्शन मोटर
3- सिंक्रोनस मोटर / असिंक्रोनस मोटर
कुछ जरूरी जानकारी
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Q. किसी भी मोटर की स्पीड को किस Unit मैं मापा जाता है?
मोटर या किसी भी घूमने वाली मशीन द्वारा 1 मिनट लगाए चक्करों की संख्या को RPM कहते हैं।
इसको Tachometer या फिर RPM मीटर द्वारा मापा जाता है।
RPM Full form in Hindi - Revolution per minute
Q. मोटर की शक्ति को किसमें मापा जाता है?
Watt या Kilowatt और Horse Power मैं
HP to Kilowatt convert
1 Horsepower = 0.7456 Kilowatts
Kilowatt to HP convert
1Kilowatts= 1.34102 Horsepower
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